Zero Budget Natural Farming
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Sat Jul 19 2025
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Zero Budget Natural Farming-किसानों की आय बढ़ाने की सशक्त प्रणाली

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ करोड़ों किसान पारंपरिक खेती पर निर्भर हैं। लेकिन रासायनिक खादों, कीटनाशकों और भारी लागत के चलते उनकी आमदनी कम होती जा रही है। ऐसे समय में "ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती" (Zero Budget Natural Farming - ZBNF) किसानों के लिए आशा की एक किरण बनकर उभरी है। यह एक ऐसी पद्धति है जिसमें खेती करने के लिए बाहरी लागत शून्य या नगण्य होती है।

Zero Budget Natural Farming (ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती) क्या है?

Zero Budget Natural Farming(ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती) एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसान बिना किसी रासायनिक खाद, कीटनाशक या भारी खर्च के अपनी फसलों का उत्पादन करते हैं। इसे सबसे पहले मशहूर कृषि वैज्ञानिक  श्री सुभाष पालेकर  ने विकसित किया। उन्होंने यह प्रणाली किसानों को कर्ज़मुक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार की।

Zero Budget Natural Farming मुख्य विशेषताएं:

  • बिना रासायनिक खाद और कीटनाशक के खेती

  • देसी गाय के गोबर और मूत्र का उपयोग

  • खेत में उगाई गई फसलों से जैविक खाद बनाना

  • मिट्टी की सेहत का संरक्षण और सुधार

Zero Budget Natural Farming (ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती) के चार स्तंभ:

  1. जीवामृत: देसी गाय के गोबर, गौमूत्र, गुड़ और बेसन से तैयार किया गया एक जैविक घोल जो मिट्टी में पोषक तत्वों को बढ़ाता है।

  2. बीजामृत: बीजों को रोग से मुक्त और अंकुरण के लिए तैयार करने वाला मिश्रण। इसमें गोबर, गौमूत्र, नीम की पत्तियां और मिट्टी मिलाई जाती है।

  3. आच्छादन (मल्चिंग): खेत की मिट्टी को सूखने से बचाने के लिए प्राकृतिक आवरण का उपयोग करना, जैसे सूखी घास या पत्तियां। यह खरपतवार को भी रोकता है।

  4. वाफ़सा: मिट्टी और वायुमंडलीय नमी का सही संतुलन बनाना। यह सिंचाई की आवश्यकता को कम करता है और जल संरक्षण में सहायक होता है।

Zero Budget Natural Farming (ज़ीरो बजट खेती) की प्रक्रिया:

  1. बीज तैयार करना: बीजामृत से बीजों को उपचारित करें।

  2. खेत की तैयारी: जुताई के बाद आच्छादन करें।

  3. जीवामृत का छिड़काव: सप्ताह में एक बार खेत में जीवामृत का छिड़काव करें।

  4. सिंचाई: वाफ़सा सिद्धांत का पालन करें, जरूरत से ज़्यादा सिंचाई न करें।

  5. फसल देखभाल: प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग करें, जैसे नीम का अर्क, लहसुन-मिर्च का घोल आदि।

Zero Budget Natural Farming के फायदे:

कम लागत में खेती: खाद और कीटनाशक पर होने वाला खर्च बचता है।

मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है: जैविक प्रक्रिया से मिट्टी में सूक्ष्म जीवाणु सक्रिय रहते हैं।

कृषि में आत्मनिर्भरता: किसान अपने संसाधनों से खेती कर सकता है, कर्ज़ की आवश्यकता नहीं होती।

फसल की गुणवत्ता बेहतर: बिना रसायन के उगाई गई फसलें स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होती हैं।

पर्यावरण संरक्षण: जल, मिट्टी और जैव विविधता की रक्षा होती है।

Zero Budget Natural Farming(ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती) और सरकार की भूमिका:

भारत सरकार और कई राज्य सरकारें  ZBNF  को बढ़ावा दे रही हैं।

  • आंध्र प्रदेश पहला राज्य है जिसने इसे बड़े स्तर पर लागू किया।

  • प्रधानमंत्री कृषि योजनाओं में भी जैविक खेती को शामिल किया गया है।

  • कई प्रशिक्षण शिविर और वर्कशॉप आयोजित किए जा रहे हैं ताकि किसान इसे आसानी से समझें और अपनाएं।

Zero Budget Natural Farming किन फसलों के लिए उपयुक्त है?

ZBNF तकनीक लगभग हर फसल के लिए उपयुक्त है:

  • धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा

  • सब्ज़ियां: भिंडी, टमाटर, लौकी, बैंगन

  • फल: पपीता, आम, अमरूद

  • मसाले: हल्दी, अदरक

Zero Budget Natural Farming चुनौतियाँ:

  • प्रारंभ में किसान को सीखने और प्रयास करने में समय लगता है।

  • परिणाम देखने में कुछ समय लगता है।

  • देसी गाय उपलब्ध न होने पर खाद तैयार करना मुश्किल हो सकता है।

Zero Budget Natural Farming समाधान:

  • सरकार की मदद से देसी गाय उपलब्ध कराई जा सकती है।

  • सामूहिक रूप से खाद बनाने के लिए किसान समूह बनाएं।

  • निरंतर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

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Zero Budget Natural Farming कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Facts):

  • नीति आयोग की एक रिपोर्ट  के अनुसार, ZBNF अपनाने वाले किसानों की आमदनी में औसतन 50% तक वृद्धि देखी गई है।

  • आंध्र प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक 100% खेती ZBNF पद्धति से की जाए

  • सुभाष पालेकर के अनुसार, एक देसी गाय साल भर में 30 एकड़ खेत के लिए पर्याप्त खाद और उपचार दे सकती है

  • भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने ZBNF को पर्यावरण-संवेदनशील कृषि पद्धति घोषित किया है।

  • ज़ीरो बजट खेती के कारण कई क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार और मिट्टी की गुणवत्ता में स्थिरता दर्ज की गई है।

Zero Budget Natural Farming निष्कर्ष:

Zero Budget Natural Farming(ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती) एक ऐसी क्रांतिकारी पहल है जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाती है, लागत घटाती है और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखती है। यदि इसे सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह किसानों की आय को दोगुना करने में सहायक हो सकती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

प्रश्न 1: क्या ZBNF पूरी तरह से रसायन-मुक्त खेती है?

हाँ, Zero Budget Natural Farming(ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती) में किसी भी प्रकार के रसायन का प्रयोग नहीं होता। यह पूरी तरह से जैविक पद्धति है।

प्रश्न 2: क्या इस खेती के लिए विशेष बीजों की आवश्यकता होती है?

नहीं, किसान पारंपरिक बीजों का उपयोग कर सकते हैं। बीजों को बीजामृत से उपचारित करना ज़रूरी होता है।

प्रश्न 3: क्या देसी गाय न होने पर ZBNF संभव है?

ZBNF के लिए देसी गाय का गोबर और मूत्र सबसे प्रभावी माने जाते हैं। यदि उपलब्ध नहीं हो तो पास के किसान समूह से संसाधन साझा किए जा सकते हैं।

प्रश्न 4: ZBNF से उत्पादन कितना होता है?

प्रारंभ में उत्पादन सामान्य खेती से थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन 2-3 सीजन के बाद उत्पादन स्थिर और गुणवत्ता युक्त होता है।

प्रश्न 5: क्या सरकार से कोई सहायता मिलती है?

हाँ, कई राज्य सरकारें प्रशिक्षण, अनुदान और जागरूकता शिविरों के माध्यम से सहायता प्रदान करती हैं।


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