Mushroom Farming in India
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Tue Jul 29 2025
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Mushroom Farming in India

Mushroom Farming in India: भारत में मशरूम की खेती कैसे करें? Step-by-Step गाइड

भारत में mushroom farming in India एक तेज़ी से बढ़ता हुआ कृषि व्यवसाय है। कम जगह, कम लागत और कम समय में तैयार होने वाली इस फसल को उगाने के लिए किसानों को ज्यादा संसाधनों की जरूरत नहीं होती। Mushroom एक high-protein और कम वसा वाला फूड है, जिससे इसकी मार्केट डिमांड लगातार बढ़ रही है। इस गाइड में आप जानेंगे कि भारत में मशरूम की खेती कैसे की जाती है, कौन सी वैरायटी ज्यादा मुनाफा देती है और इससे जुड़ी सरकारी योजनाएं क्या हैं।

Mushroom Farming in India: क्या है और क्यों करें?

Mushroom यानी 'कुकुरमुत्ता' एक प्रकार का edible fungus है, जो प्राकृतिक रूप से नम और अंधेरे स्थानों में उगता है। परंतु आजकल इसे नियंत्रित वातावरण में बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। भारत में इसकी खेती अब एक बड़े व्यवसाय के रूप में उभर रही है। होटल, रेस्टोरेंट, दवा कंपनियां और सुपरमार्केट इसकी मांग लगातार कर रहे हैं। Mushroom farming in India की खेती में न तो बहुत ज्यादा जमीन की जरूरत होती है और न ही भारी मशीनरी। इसलिए छोटे किसान और स्टार्टअप इसे तेजी से अपना रहे हैं।

Mushroom की मांग और भारत में मार्केट

भारत में Mushroom की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां हेल्दी फूड का चलन बढ़ा है। मशरूम प्रोटीन, विटामिन B और मिनरल्स से भरपूर होता है, जिसे शाकाहारी लोग मांस के विकल्प के रूप में लेते हैं। इसके अलावा Reishi और Shiitake जैसे मेडिसिनल मशरूम की मांग दवा उद्योग में काफी ज्यादा है। भारत के प्रमुख शहरों—दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे—में बड़ी मात्रा में मशरूम खपत होती है, जिससे इसकी खेती करने वालों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

Mushroom Farming शुरू करने के लिए ज़रूरी चीज़ें

Mushroom farming in India शुरू करने के लिए कुछ जरूरी सामग्रियों और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, एक साफ-सुथरा, हवादार और अंधेरा कमरा चाहिए, जिसमें तापमान और नमी को नियंत्रित किया जा सके। इसके बाद, उच्च गुणवत्ता वाले Spawn (मशरूम बीज) की जरूरत होती है, जो किसी प्रमाणित सप्लायर से लेना चाहिए। Substrate यानी media जैसे गेहूं का भूसा या धान का पुआल को सही तरीके से प्रोसेस करना पड़ता है। एक अच्छा setup और थोड़ी ट्रेनिंग से कोई भी व्यक्ति इस खेती को सफल बना सकता है।

भारत के प्रमुख राज्य जहाँ होती है Mushroom Farming और उनके लोकल नाम

भारत के विभिन्न हिस्सों में mushroom farming अलग-अलग जलवायु और संसाधनों के आधार पर की जाती है। साथ ही, हर राज्य में इसे अलग-अलग लोकल नामों से भी जाना जाता है। नीचे राज्यों के अनुसार मशरूम खेती की स्थिति और उनके प्रचलित नाम दिए गए हैं:

1. उत्तराखंड (Uttarakhand)

  • जलवायु: ठंडी और आर्द्र जलवायु

  • प्रमुख किस्में: Button Mushroom, Shiitake

  • लोकल नाम: 'छत्तरी', 'ढींढा'

  • विशेषता: पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से भी मिलती है।

2. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)

  • जलवायु: समशीतोष्ण (temperate)

  • प्रमुख किस्में: Button Mushroom, Medicinal Mushroom

  • लोकल नाम: 'गुच्छी', 'छत्तरी'

  • विशेषता: उच्च गुणवत्ता की button mushroom उत्पादन के लिए जाना जाता है।

3. महाराष्ट्र (Maharashtra)

  • जलवायु: गर्म और आर्द्र

  • प्रमुख किस्में: Oyster, Milky Mushroom

  • लोकल नाम: 'अलंबी', 'अगारी'

  • विशेषता: किसान इसे गर्मियों में टपरी या शेड में उगाते हैं।

4. पश्चिम बंगाल (West Bengal)

  • जलवायु: गर्म और नमी वाली

  • प्रमुख किस्में: Paddy Straw, Oyster

  • लोकल नाम: 'बेंगु', 'झोरि'

  • विशेषता: पारंपरिक खेती के साथ-साथ अब कॉमर्शियल स्तर पर भी की जाती है।

5. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश

  • जलवायु: उष्णकटिबंधीय

  • प्रमुख किस्में: Milky, Oyster

  • लोकल नाम: 'పుట్టగొడుగులు' (Puttagodugulu - तेलुगु में)

  • विशेषता: गर्म जलवायु में मिल्की मशरूम का बड़े स्तर पर उत्पादन।

6. पंजाब और हरियाणा

  • जलवायु: ठंडा व शुष्क सर्दियों में

  • प्रमुख किस्में: Button Mushroom

  • लोकल नाम: 'छत्री', 'मशरूम'

  • विशेषता: मशरूम खेती में नए टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है।

7. तमिलनाडु और केरल

  • जलवायु: गर्म और नमी वाली

  • प्रमुख किस्में: Milky, Reishi

  • लोकल नाम: 'காளான்' (Kaalan – तमिल), 'കൂൺ' (Koon – मलयालम)

  • विशेषता: Medicinal और Export क्वालिटी मशरूम की खेती।

8. बिहार और झारखंड

  • जलवायु: मॉनसून आधारित गर्म क्षेत्र

  • प्रमुख किस्में: Paddy Straw, Oyster

  • लोकल नाम: 'झुर्री', 'फुंगुस'

  • विशेषता: पारंपरिक और जंगल क्षेत्रों में प्राकृतिक मशरूम भी मिलते हैं।

9. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)

  • जलवायु: गर्मी और सर्दी दोनों का प्रभाव

  • प्रमुख किस्में: Button, Oyster

  • लोकल नाम: 'छत्ता', 'मशरूम'

  • विशेषता: प्रशिक्षण केंद्र और सरकारी सहायता के चलते किसान ज्यादा जुड़ रहे हैं।

10. राजस्थान (Rajasthan)

  • जलवायु: शुष्क और गर्म

  • प्रमुख किस्में: Oyster (Greenhouse/Indoor Farming)

Types of Mushrooms in India(भारत में मशरूम की प्रमुख किस्में)

1. Button Mushroom (बटन मशरूम)

यह भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली मशरूम वैरायटी है। सफेद रंग की और गोल आकार की यह मशरूम दिखने में सुंदर होती है और रेस्टोरेंट व होटल में इसकी भारी डिमांड रहती है।

  • मौसम: सर्दियों (अक्टूबर से फरवरी) में उगाई जाती है।

  • तापमान: 15–20°C

  • मुनाफा: ₹150–₹200/kg

  • खासियत: सबसे ज्यादा कॉमर्शियल उत्पादन इसी का होता है।

  • उपयोग: पिज्जा, सूप, सब्जी, स्नैक्स आदि में।

2. Oyster Mushroom (ऑयस्टर मशरूम)

यह आकार में सीप (oyster) जैसी होती है और उगाने में सबसे आसान मानी जाती है, खासकर शुरुआत करने वालों के लिए। इसमें फाइबर और प्रोटीन अधिक होता है।

  • मौसम: गर्मियों (मार्च से जून) में अच्छी तरह उगती है।

  • तापमान: 22–30°C

  • मुनाफा: ₹120–₹180/kg

  • खासियत: तेज़ ग्रोथ, कम लागत और जल्दी उत्पादन (15-20 दिन)।

  • उपयोग: सब्जी, चायनीज़ डिश, ड्राई मशरूम फॉर्म में।

3. Milky Mushroom (मिल्की मशरूम)

यह सफेद और मोटी डंठल वाली मशरूम होती है, जो गर्म और आर्द्र जलवायु में उगाई जाती है। यह ज्यादा दिनों तक ताज़ा रहती है और प्रोटीन में भरपूर होती है।

  • मौसम: गर्म क्षेत्रों के लिए उपयुक्त (अप्रैल से अक्टूबर)।

  • तापमान: 25–35°C

  • मुनाफा: ₹100–₹150/kg

  • खासियत: लंबी शेल्फ लाइफ, गर्मियों में उत्पादन की बेहतरीन वैरायटी।

  • उपयोग: करी, सूखी सब्ज़ी, सूप आदि में इस्तेमाल।

4. Shiitake Mushroom (शीटाके मशरूम)

यह मशरूम भारत में बहुत कम किसान उगाते हैं लेकिन इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी मांग है। इसमें औषधीय गुण होते हैं और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।

  • मौसम: समशीतोष्ण जलवायु (moderate climate)

  • तापमान: 15–22°C

  • मुनाफा: ₹400–₹1000/kg

  • खासियत: उच्च मूल्य वाला मशरूम, मेडिसिनल फील्ड में ज्यादा इस्तेमाल।

  • उपयोग: हेल्थ सप्लीमेंट, आयुर्वेदिक टॉनिक, खास डाइट में।

5. Reishi Mushroom (गणोदरमा/रेशी मशरूम)

इसे "जड़ी-बूटी का राजा" कहा जाता है। Reishi Mushroom  सीधे खाने के लिए नहीं बल्कि मेडिसिनल फॉर्म में जैसे कैप्सूल, चाय, या पाउडर के रूप में इस्तेमाल होता है।

  • मौसम: गर्म और नमी वाला वातावरण (humid tropical)

  • तापमान: 25–30°C

  • मुनाफा: ₹800–₹2000/kg (सूखे फॉर्म में)

  • खासियत: कैंसर, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों में उपयोगी।

  • उपयोग: आयुर्वेदिक दवा, हेल्थ सप्लीमेंट्स, चाय और पाउडर फॉर्म।

2025 में खेती को और भी ज्यादा Smart और Productive बनाने के लिए  इन 10 आधुनिक खेती विधियों  को ज़रूर पढ़ें।

6. Paddy Straw Mushroom (पैडी स्ट्रॉ मशरूम)

यह खासतौर पर पूर्वी भारत जैसे ओडिशा, बंगाल, बिहार आदि राज्यों में लोकप्रिय है। यह धान के भूसे पर उगाई जाती है और तेजी से तैयार हो जाती है।

  • मौसम: गर्मी और मॉनसून में बेहतर उत्पादन

  • तापमान: 30–35°C

  • मुनाफा: ₹100–₹150/kg

  • खासियत: तेजी से उत्पादन (10–15 दिन में तैयार), गांवों में लोकप्रिय।

  • उपयोग: लोकल सब्जी और ट्रेडिशनल डिश में।

7. Cordyceps Mushroom (कोर्डिसेप्स मशरूम)

यह एक दुर्लभ लेकिन महंगा मशरूम है, जिसे 'हिमालयी संजीवनी' भी कहा जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं।

  • मौसम: उच्च पर्वतीय क्षेत्र (cool and dry)

  • तापमान: 10–20°C

  • मुनाफा: ₹10,000–₹15,000/kg

  • खासियत: बहुत अधिक मूल्य, आयुर्वेदिक दवा और स्पोर्ट्स सप्लीमेंट में उपयोग।

  • उपयोग: चाय, कैप्सूल और हर्बल दवाओं में।

Step-by-Step गाइड: Mushroom Farming in India 

Step 1: मशरूम की वैरायटी चुनें

सबसे पहले अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार मशरूम की किस्म चुननी चाहिए। गर्मियों के लिए Oyster और Milky Mushroom  उपयुक्त होते हैं जबकि सर्दियों में Button Mushroom। शुरुआती किसान Oyster से शुरुआत करें क्योंकि यह कम मेहनत में ज्यादा उत्पादन देती है।

Step 2: Spawn और Substrate की तैयारी

Spawn यानी बीज को जब Substrate में मिलाया जाता है तो इसे Inoculation कहते हैं। Substrate जैसे गेहूं भूसा या धान के पुआल को पानी में उबाल कर साफ किया जाता है और फिर उसमें Spawn मिलाया जाता है। यह प्रक्रिया Infection से बचाने के लिए जरूरी होती है।

Step 3: बैग में भराव और रैक सिस्टम

Substrate को बैग में भर कर छेद किए जाते हैं और इन्हें एक साफ रैक पर लगाया जाता है। बैग को ऐसे जगह रखा जाता है जहां तापमान 22–28°C और नमी 80–90% बनी रहे। यह संपूर्ण वातावरण फलों के निकलने (Fruiting) में सहायक होता है।

Step 4: तापमान और नमी का रखाव

मशरूम की खेती में Moisture सबसे जरूरी तत्व है। रोज़ाना 2–3 बार पानी का स्प्रे करना होता है। साथ ही तापमान कंट्रोल के लिए कमरे को कूलर या फैन से Maintain करना पड़ता है। अगर वातावरण सही न रहे तो फसल खराब हो सकती है।

Step 5: Fruiting और कटाई

20–25 दिनों के अंदर Fruiting शुरू हो जाती है। जब मशरूम 2–3 इंच के हो जाएं, तो साफ हाथों से उन्हें काटा जाता है। कटाई के बाद इन्हें छांव में सूखने दिया जाता है या सीधे पैक किया जाता है। कटाई का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, वरना वे सड़ सकते हैं।

Step 6: पैकेजिंग और बिक्री

कटे हुए मशरूम को अच्छी तरह धोकर प्लास्टिक बैग या कंटेनर में पैक करें। बिक्री के लिए लोकल मंडियों, रेस्टॉरेंट्स और सुपरमार्केट से संपर्क करें। डिजिटल जमाने में Instagram या Website से Direct Customer से भी बिक्री की जा सकती है।

अगर आप भी कम लागत में अधिक लाभ चाहते हैं, तो  Zero Budget Natural Farming  से जुड़ी जानकारी आपके लिए बेहद लाभदायक हो सकती है।

Mushroom Farming in India Profit और Business Model

Mushroom farming in India कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाला व्यवसाय है। उदाहरण के तौर पर, 100 बैग से लगभग 150–180 किलो मशरूम उत्पादन हो सकता है। अगर बाजार मूल्य ₹150/kg हो तो आप ₹25,000 से ₹30,000 तक की कमाई कर सकते हैं। खर्च केवल ₹8,000–₹10,000 के बीच आता है। सही मार्केटिंग, क्वालिटी प्रोडक्शन और बुकिंग सिस्टम के साथ यह व्यवसाय ₹50,000–₹1 लाख प्रति माह तक ले जा सकता है।

अगर आप मशरूम के अलावा अन्य हाई-प्रॉफिट क्रॉप्स भी उगाना चाहते हैं, तो  Avocado Farming  पर यह लेख पढ़ें – यह एक उभरता हुआ मुनाफे वाला विकल्प है।

Mushroom Farming in India सरकारी योजनाएं और ट्रेनिंग

भारत सरकार मशरूम खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है।  NHB (National Horticulture Board)  और NABARD के तहत किसान सब्सिडी, ट्रेनिंग और ब्याज रहित लोन ले सकते हैं। 

Krishi Vigyan Kendra (KVK) और ICAR द्वारा निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। महिलाएं और युवा इस स्कीम का ज्यादा फायदा उठा सकते हैं। सही दस्तावेज़, ट्रेनिंग सर्टिफिकेट और प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ आप सब्सिडी भी प्राप्त कर सकते हैं।

Mushroom Farming in India बेचने के Top विकल्प

  1. स्थानीय मंडी (Local Market): हर शहर और कस्बे में सब्जी मंडी में सीधा बेच सकते हैं।

  2. होटल और रेस्टोरेंट: Bulk Quantity में मशरूम की बिक्री होती है।

  3. सुपरमार्केट: Big Bazaar, Reliance Fresh जैसे स्टोर में डील करके बेच सकते हैं।

  4. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: Amazon, Bigbasket, Flipkart आदि पर seller बनकर बेच सकते हैं।

  5. Direct-to-customer: WhatsApp group, Instagram, और अपनी वेबसाइट के माध्यम से local buyers से सीधा जुड़ सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

Mushroom Farming in India आज के समय में एक आधुनिक और लाभदायक खेती का विकल्प बन चुका है। कम लागत, सीमित स्थान और कम समय में तैयार होने वाली यह खेती हर वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त है। अगर आप भी खेती से कुछ नया और ज्यादा कमाई करना चाहते हैं, तो यह एक बेहतरीन मौका है।

अगर आप खेती के साथ-साथ डेयरी को भी कमाई का स्रोत बनाना चाहते हैं, तो  यह डेयरी फार्मिंग गाइड  जरूर पढ़ें।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

How profitable is mushroom farming in India?

बहुत ज्यादा! अगर आप अच्छी क्वालिटी का प्रोडक्शन करें और सही मार्केट में बेचें तो ₹40,000–₹80,000 प्रति माह तक कमाया जा सकता है।

What is the price of a 1kg mushroom in India?

औसतन ₹120–₹200/kg तक मिलता है, किस्म और स्थान के अनुसार कीमत अलग होती है।

Is mushroom farming legal in India?

हां, पूरी तरह से वैध है और सरकार इसे प्रमोट भी करती है।

Is mushroom business risky?

सही तापमान और नमी न होने पर नुकसान हो सकता है, लेकिन ट्रेनिंग के साथ यह रिस्क कम हो जाता है।

Is mushroom farming tax free?

कृषि-आधारित इनकम होने के कारण कुछ मामलों में टैक्स में छूट मिलती है, लेकिन ये पूरी तरह टैक्स फ्री नहीं है।

Which mushroom is costly?

Shiitake और Reishi Mushroom सबसे महंगे होते हैं, क्योंकि इनका उपयोग दवा और हेल्थ इंडस्ट्री में होता है।


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